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वास्तु शास्त्र

नमस्ते वास्तु पुरुषाय भूशय्या भिरत प्रभो मद्गृहं धन धान्यादि समृद्धं कुरु सर्वदा”

Transform Your Life with the Science of Vastu,  Experience Harmony and Prosperity with Vastu

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भारत की प्राचीन कला है

वास्तु शास्त्र भारत की प्राचीन वास्तु कला है, जिसके उपयोग से वास्तु (मकान आदि)

जीवन में कम से कम दुःख आये एवं जीवन खुशियों से परिपूर्ण हो. 

वास्तु पुरुष की कल्पना एक देवता के रूप में की गई है.

वास्तु शास्त्र भारत की प्राचीन वास्तु कला है, जिसके उपयोग से वास्तु (मकान आदि) का निर्माण करना चाईए, ताकि जीवन में कम से कम दुःख आये एवं जीवन खुशियों से परिपूर्ण हो. भारतीय शास्त्रों में वास्तु पुरुष की कल्पना एक देवता के रूप में की गई है. प्राचीन काल से अब तक मानवीय निर्माण में बहुत से परिवर्तन आ चुके है, उसी अनुरूप वास्तु शास्त्र को भी परिवर्तित किया गया है, वर्तमान वास्तु शास्त्र के कई सिद्धांत, प्राचीन वास्तु शास्त्र से मेल नहीं खाते, अत: मानव आज भी वास्तु से पूर्ण संतुष्ट नहीं है, जैसे प्राचीन वास्तु शास्त्र में मल निकासी की जगह (टॉयलेट) को घर के वास्तु में जगह नहीं दी गई थी, बल्कि घर से बाहर उसकी व्यवस्था को कहा गया था, परन्तु आज के वास्तु में उसको जगह (नैश्रृत्य कोण या दक्षिण) दी गई है, वस्तुत: वो पितृ कोण या यम कोण है एवं ये दोनों ही देवता गिने जाते है, तो उस जगह पर मल निकासी अनुचित ही है, पर वर्तमान समय में इसका पर्याय नहीं है
 

वास्तु टिप्सः अगर घर में है ऐसी घड़ी तो शुरू हो जाएगा दुर्भाग्य, यहां जानें

1. घर की उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है, इस दिशा की दीवारों का रंग नीला होना चाहिए।
2. पानी का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए।
3. पानी की टंकी में शंख, चांदी का सिक्का या चांदी का कछुआ रखना शुभ होता है।
4. अगर घर में एक्वेरियम है तो उसे घर की उत्तर दिशा में रखें।
5. कुबेर की दिशा होने की वजह से तिजोरी उत्तर दिशा में रखें।
6. उत्तर दिशा में नीले रंग का पिरामिड रखते हैं तो संपत्ति लाभ होता है।
7. उत्तर दिशा में कांच का बड़ा कटोरा रखकर उसमें चांदी के सिक्के डाल दें।
8. घर के पूर्व-उत्तर कोने को देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है, उसमें गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति रखकर पूजा करें।
9. घर में पूर्व-उत्तर कोने में गंदगी ना करें।
10. उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ या तुलसी का पौधा लगाएं।

For More Information Please Call: Astrologer Megha Sharma

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